Sunday, April 14, 2019

पहरेदार कानून



इन्सान था या बस एक ख्वाब था वो 
जो हो गया एक सदी पहले यहां 
दुसरो के खातीर जान देणे वाले तो देखें  है 
लेकिन सच के लिए लड़नेवाले कहाँ ? 

था जो उसके मन में 
छोड़ गया वो इस दुनिया के लिए 
न थी उसकी कोई तमन्ना खुद के ख़ातिर 
बस चाहत थी की इन्सान की तरह जिए 

आज भी उसके नाम से खयाल जाग उठे 
करते रहना गुरूर उसके लब्जो पे 
रुकना नहीं तलाश में उस प्रभु की 
दुनियाँ को शान्ति का सन्देश जो दे 

हम आपके साथ है हमेंशा के लिए 
यह बापू सुन पाए तो दिल को सुकून 
मस्ती में भूल ना जाए उनके अल्फ़ाज़ 
इस लिए हो सच्चाई का पहरेदार क़ानून 

~ शून्य 


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